इस्लाम दुनिया का एक मजहब है

इस्लाम का उदय सातवीं सदी में अरब प्रायद्वीप में हुआ। इसके अन्तिम नबी हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का जन्म 570 ईस्वी में मक्का में हुआ था। लगभग 613 इस्वी के आसपास हजरत मुहम्मद साहब ने लोगों को अपने ज्ञान का उपदेशा देना आरंभ किया था। इसी घटना का इस्लाम का आरंभ जाता है। हँलांकि इस समय तक इसको एक नए धर्म के रूप में नहीं देखा गया था। परवर्ती वर्षों में हजरत मुहम्म्द सहाब के अनुयायियों को मक्का के लोगों द्वारा विरोध तथा हजरत मुहम्मद साहब के मदीना प्रस्थान (जिसे हिजरा नाम से जाना जाता है) से ही इस्लामी (हिजरी) पंचांग माना गया। हजरत मुहम्मद साहब की वफात के बाद अरबों का साम्राज्य और जज़्बा बढ़ता ही गया। अरबों ने पहले मिस्र और उत्तरी अफ्रीका पर विजय प्राप्त की और फिर बैजेन्टाइन तथा फारसी साम्राज्यों को हराया। यूरोप में तो उन्हें विशेष सफलता नहीं मिली पर फारस में कुछ संघर्ष करने के बाद उन्हें जीत मिलने लगी। इसके बाद पूरब की दिशा में उनका साम्राज्य फेलता गया। सन् 1200 ईस्वी तक वे भारत तक पहुँच गए।

सुन्नी और शिया


मुस्लिम जनसंख्या के मामले में दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण एशिया, अफ्रीका और ज्यादातर मध्य पूर्व में सुन्नियां बहुसंख्यक हैं दुनिया के 90% मुसलमान सुन्नी हैं और शेष वाकी लगभग 10% शिया हैं, लेकिन पूरी स्थिति जटिल है; मुख्य रूप से सुन्नी क्षेत्रों में शिया अल्पसंख्यक हैं और इसके विपरीत। इंडोनेशिया में सबसे बड़ी संख्या में सुन्नी मुसलमान हैं, जबकि ईरान में दुनिया में शिया मुस्लिमों की सबसे बड़ी संख्या है। पाकिस्तान में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सुन्नी और दूसरी सबसे बड़ी शिया मुस्लिम आबादी है। पूरे मुद्दे को उलझाना यह तथ्य है कि शिया बहुसंख्यक देशों के कुछ हिस्सों पर ऐतिहासिक तौर पर सुन्नियों और इसके विपरीत शासन किया गया है। उदाहरण के लिए इराक में सद्दाम हुसैन एक सुन्नी मुस्लिम शासक थे, लेकिन इराक 60% शिया देश है। इसी के विपरीत सीरिया के वर्तमान राष्ट्रपति बशर अल-असद एक शिया परिवार से लेकीन सीरिया की लगभग 70% जनसंख्या सुन्नी मुसलमान हैं सीरिया में अशद परिवार पिछले 35 सालों से लगातार सीरिया पर शासन कर रहा है

 



त्योहार


दुनिया में मुस्लिम समूह, अलग अलग पर्वों को अलग अलग दिवसों में मनाते हैं। हर दिवस का अपना एक महत्व होता है।


  • इस्लामी नया वर्ष - 1 मुहर्रम
  • आशूरा 10 मुहरम - हजरत हुसैन इब्न अली और उनके साथी कर्बला के युद्ध में शहीद हुए थे।
  • मीलाद उन-नबी - 12 रबीउल अव्वल - पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद साहब की जन्म तिथी। ध्यान रहे कि इसी तिथी को मुहम्मद साहब का देहांत भी हुआ था।
  • शब-ए-मेराज - 27 रजब - इस को लैलतुल मेराज भी कह्ते हैं। इस्रा और मेराज की रात को हज़रत मुहम्मद स.अ.व. मेराज की यात्रा किये।
  • शब-ए-बारात] - इसको लैलतुल बारात भी कहते हैं। यह शाबान मास में आती है।
  • रमज़ान (महीना) - इस महीने में उपवास रखा जाता है, और परम पवित्र माना जाता है।
  • शब-ए-क़द्र - यह रात रमज़ान महीने की २७ तारीख को आती है।
  • जुमातुल विदा - रमज़ान महीने का आखरी जुमा (शुक्रवार)

  • ईद उल-फ़ित्र - यह ईद शव्वाल मास की पह्ली तारीख को मनाई जाती है।
  • ईद-उल-अज़हा या बक्रीद - ज़ु अल-हज्जा के १० वीं तारीख़ को यह ईद मनाई जाती है।

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